हमारा देश सम्बिधान और आराक्छान्न
आज पूरा देश गुर्जरों द्वारा लगाई गई आग मै जल रहा है पर क्यो ? आज कई गुर्जरों किए जाने गई क्यो ? कई पुलिश के जवान मारे गए क्यो ? करोरो की सरकारी संपत्ति नसत हो गई क्यो ? हमारे देश के राज नेताओ के छुद्र स्वार्थ के कारन , आज लोग पिछडे वर्ग से अनुसूचित जन जाती मै जाने के लिए संघर्ष कर रहे है, जरा सोचिये कितने शर्म की बात है, लोग समय के साथ आगे बड़ते है , गवार से सभ्य बनते है और हमारे देश वाशी आगे बदने के बजाये पीछे जा रहे है , ज़रा सोचिये जिन लोगो को आज देश की संपत्ति, देश के लोगो किए परेशानी से कोई मतलब नही है चिंता नही है अगर वे सरकारी नोकरी मै आराक्छ्न्ना से भरती हो भी जाते है टू इनसे हम देश की उन्नति की क्या आशा कर सकते है इनका ये काम अधिकारों की मांग नही देश्ध्रोह है.
अब बात आती है इनके हक़ मागने के तरीके की , अगर हमारे देश की सरकार इन की मांग को मान लेती है टू ये ग़लत बात होगी क्योकि तोड़ फोड़ करना सबसे आसान काम है और हमारे देश वासियों को अपनी मांगो के लिए यही कदम उठाने का होश्ला मिलेगा जो देश हित मै कभी नही होगा
आरक्षण की सुरुवात इस लिए हुयी थी की दबे कुचले लोग समाज की मुख्य धारा मै सामिल हो सके न की मुख्य धारा मै चल रहे लोग आरक्षण की माग करे के योग्य और वास्तविक रूप पिछडे लोगो का हक़ छीन ले
मै इशवर से प्राथना करता हू की हमरे देश वशियो को स्वाभिमान दे और अपनी योग्यता पर आगे बदने का बल दे
जय हिंद जय भारत
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Shailendra
सतीश सक्सेना
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