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Showing posts from February, 2017

भारत के राजनेताओ द्वारा भारत का विभाजन

नर पर नारी भारी है

हो चुकी है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए अब कोई गंगा हिमालय से निकलनी चाहिए

क्या आरक्छन भेदभाव मिटा सकता है

क्या मुँह पर कड़वा बोलने वाला हमेशा आपका शुभचिंतक ही होता है

सबका दुश्मन एक