हो चुकी है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए अब कोई गंगा हिमालय से निकलनी चाहिए

आज का हमारा राजनीतिक परिवेश मै हर राजनीतिक दल वोट की राजनीती कर रहा है दलितों और अल्प्शंख्यक समुदायों को खुश करने के लिए उनको विशेष शुबिधाये और आरक्छन का लड्डू बाँट रहा है चाहे अनपी विरादरी की आड़ ले कर या संबिधान की पर किसिस भी दल को सावन हिंदू समुदाय किए चिंता नही है अभी हाल ही मै हैदराबाद किए घटना मै इक महिला कह रही थी की हमारे लोग को इसलिए सताया जाता है की हम मुशलमान है और हमारे बच्चो के मन पर बुरा अशर पड़ रहा है उनको इसलिए आतंकवादियो से जोड़ा जाता है क्योकि वो मुशल मन है जरा सोचिये अगर ये कुंठा उनके मन मै घर कर गई तो वे सचमुच आतंक वादी बन जायेगे और समाज के लिए खतरा बन जायेगे, इसके लिए राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को हमारे अच्छे भविष्य के लिए कुछ करना चाहिए ऐशा हैदराबाद किए इक महिला ने टीवी पर कहा इनको सायद नही मालूम किए जितना हमारे देश मै इन अल्पशख्यक समुदाय को हुविधाये दी गई है उन्त्की किसी भी देश मै नही है, और जितनी आज़ादी से ये समुदाय हमारे देश मै रहा रहे उतनी आज़ादी से ये मुस्लिम देशो मै भी नही रह सकते है अब मै आपसे पूछता हो की क्या कुंठा सिर्फ़ इन समुदाय के लोगो मै ही घर कर सकती है सवर्ण हिन्दुओ के बच्चो मै नही कर सकती वो भी तो इसी देश के है क्या पाप किया है उनके पूर्वजो ने जो उनको कई सुभिधयो से वंचित किया जा रहा है सवर्ण हिंदू का बच्चा ८२% अंक ला कर भी ऍम.बी.बी.अस की उम्मीद नही कर पता और दलितों , पिछडो और अल्प्शंखाय्क समुदाय के लोगो को २३% अंको पर ही ऍम.बी.बी.अस बड़ी अशनी से मिला जाता है, उसके बाद नोकरी मै

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