विचार विराम

जीवन से उपराम हो गया हू
या हर पर विराम हो गया हूँ
तिनको के इक ढेर पर बैठा था
सागर की रेट पर काफी देर से बैठा था

सायद चिंता का दरिया तमाम हो गया हूँ
या हर सोच पर विराम हो गया हूँ

Comments

Anonymous said…
http://niasom.edu.in/index.aspx?idp=76&idc=81