आओ नए बरस का पर्व मनाये

नए बरस की पावन बेला आने वाली है कुछ ही दिन में ....
त्याग उदासी फिर से उल्लास बरो मन में                   ।।

नए बरस के आने पर कुछ दीप जलाओ ....
बुझे हुए मन को फिर से जगमगाओ ।।

नयी लगन हो हर कोई मगन हो कही , नहीं कोई उदास हो ....
हर कोई सुखी हो, नहीं कोई दुखी हो ना ही कोई प्यास हो ।।

निश्छल मन हो , निरोगी तन हो ...
हर और बहती निर्मल पवन हो ।।

खेत हरे हो , खलिहान भरे हो , पशु सबल हो ...
नदियों में जल  हो , ब्रक्षो  में फल हो ,बच्चो का जीवन सरल हो ।।

नर का मन शांत हो , नारी को आनंद हो ....
बुजुर्गो को परमानन्द हो ।।

बचपन मस्त हो , युवा व्यस्त हो ...
पूरा भारत देश स्वस्थ हो ।।

नया दौर हो , नया शोर हो , नए विचार हो , नयी हो सबकी आशाये ...
नए लक्ष्य के साथ में आओ नए बरस का पर्व मनाये ।।

Comments

Anik said…
bahut achchha likha hai ambrish ji do line jod ki anumati chahata hun dhanyavad
swagat ho nav varsh ka kuchh is tarha ,
waha tum gungunao aur sunayee de yaha.