आज कुछ तूफानी करते है

वोट देकर जिनको जिताया  ।
कर भरोसा जिनको संसद पहुचाया।।
आज उनको सामने आइना रखते है ।
क्युकी आज कुछ तूफानी करते ।।
भ्रस्त समाज को जिसने बनाया ।
कानून को लगडा जिसने बनाया ।।
आज उससे डरना बंद करते है ।
क्युकी आज कुछ तूफानी करते है ।।
आम जनता को जिसने खूब सताया ।
गरीबो के हक़ का पैसा जिसने खाया ।।
उसको आज कुर्सी से बेदखल करते है  ।
क्युकी आज कुछ तूफानी करते है ।।
इमानदारी से जीना जिसने दूभर कर दिया ।
जिसने युवाओ में काम चोरी का ज़हर भर दिया ।।
आज पूछेगे उनसे वो ये क्यों करते है ।
क्युकी आज कुछ तूफानी करते है ।।
विदेशियों को मुनाफा, स्वदेशियो को तमाचा ।
आम आदमी अब तक इनके इशारो पर नाचा ।।
आज से इशारो पर नाचना बंद करते है ।
क्युकी आज कुछ तूफानी करते है ।।
जो जात धर्म के नाम पर हमें बाँट रहे है ।
पुरानी बाते बता कर आरक्छन बाँट रहे है ।।
आज से हम ये प्रथा बंद करते है ।
क्युकी आज कुछ तूफानी करते है ।।
कुछ को अगड़ा कुछ को पिछड़ा बना रहे है ।
हमें ही अपनों से दूर होने का फायदा बता रहे है ।।
उन सबकी अब धर पकड़ करते है ।
क्युकी आज कुछ तूफानी करते है ।।
आज के युवाओ को जो खोखला बना रहे है ।
हमारा पैसा लूट कर जो अपना घर चला रहे है ।।
बैठ कर के आज उनका पूरा हिसाब करते है ।
क्युकी आज कुछ तूफानी करते है ।।
जिन लोगो ने देश के लिए वलिदान दिया है ।
आज हम फिर से उनको याद करते है ।।
भारत माता का सर फिर से उंचा करते है ।
क्युकी आज कुछ तूफानी करते है

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