है माँ तुमने ये क्या कर दिया
माँ तुमने ये क्या कर दिया ।
गौद में ही मौत की नींद सुला दिया ।।
माँ तुम तो पतित पावनी थी ।
फिर क्यों पतितो सा काम कर दिया ।।
माँ तुम से शिव की जटा से निकली थी ।
फिर क्यों उसके ही भक्तो का नाश कर दिया ।।
माँ शिव के सामने जो यमराज न कर पाए कभी ।
तुमने क्यों ऐसा काम कर दिया ।।
माँ तुम्हारी दया से लोगो के घर चूल्हे जलते थे ।
आज तो तुमने लोगो के घरो का दिया बुझा दिया ।।
माँ तुम्हारा पानी तो अमृत होता था ।
आज क्यों तुमने उसे कालकूट बना दिया ।।
माँ आज हरकोई निहारता है तुमको ।
आज तुमने हर आंख में पानी भर दिया ।।
माँ तुमको भागीरथ लाये थे जन कल्याण को ।
आज तुमने उसका तप भी बेकार कर दिया ।।
है माँ तुमने ये क्या कर दिया ।
है माँ तुमने ये क्या कर दिया ।।
वाराणसी में जलमार्ग से नुकसान
गौद में ही मौत की नींद सुला दिया ।।
माँ तुम तो पतित पावनी थी ।
फिर क्यों पतितो सा काम कर दिया ।।
माँ तुम से शिव की जटा से निकली थी ।
फिर क्यों उसके ही भक्तो का नाश कर दिया ।।
माँ शिव के सामने जो यमराज न कर पाए कभी ।
तुमने क्यों ऐसा काम कर दिया ।।
माँ तुम्हारी दया से लोगो के घर चूल्हे जलते थे ।
आज तो तुमने लोगो के घरो का दिया बुझा दिया ।।
माँ तुम्हारा पानी तो अमृत होता था ।
आज क्यों तुमने उसे कालकूट बना दिया ।।
माँ आज हरकोई निहारता है तुमको ।
आज तुमने हर आंख में पानी भर दिया ।।
माँ तुमको भागीरथ लाये थे जन कल्याण को ।
आज तुमने उसका तप भी बेकार कर दिया ।।
है माँ तुमने ये क्या कर दिया ।
है माँ तुमने ये क्या कर दिया ।।
वाराणसी में जलमार्ग से नुकसान
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