Can India think like Russia for the hindi bhasi people in world
ये खबर बीबीसी की है पुतिन ने कहा, "पूर्वी यूक्रेन के रूसी भाषी लोग रूस से मदद मांगते हैं तो रूस उनकी मांग पर कार्रवाई करेगा."
आज पाकिस्तान, बांग्लादेश, अमेरिका, इंलैण्ड ऐसे काफी देश है जहा पर भरतवंसियो यानी कि हिंदी बसियो को कड़ी परेशानी होती है पर कभी भी भारत सर्कार ने कोई कदम उठाने की सोची रूस भी एक लोकतान्त्रिक देश है पर उसे अपने देशवासियो कि फ़िक्र है, जबकि भारत सर्कार सेनिको के मरने पर भी कहती है कि वे पाकिस्तानी सेनिक नहीं आतंकवादी थे जो पाकिस्तानी आर्मी की ड्रेस में थे, एक नेता जी बोलते है कि सेना और पोलिस में लोग जाते ही है मरने के लिए, अब इस देश की सर्कार से हम क्या उम्मीद करे ।
आज भारत देश की सरकार वोट की राजनीती में इस तरह से फांसी है कि भारत देश के अंदर भी अगर किसी का खून होता है तो वो किसी भारतीय का खून हुआ है ऐसा नहीं माना जाता है उस पर भी राजनीती होती है, किस धर्म का है, किस जाती का है, कहा का रहने वाला है, नर है या नारी है, आज भारत देश की सरकार ही यहाँ के नागरिको को एक नहीं होने दे रही है, उनको जाती, लिंग, निवास स्थान और धर्म के नाम पर बाँट रही है
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