Benefits of Demonetization in Hindi
Q. आम आदमी को क्या फायदा होगा?
- बाजार में कुछ समय के लिए मंदी रहेगी, लेकिन तेजी से लिक्विडिटी बढ़ेगी। इससे महंगाई कम होगी।
- खासतौर पर रियल एस्टेट सेक्टर, जिसमें 60-80 फीसदी ब्लैकमनी के रूप में कैश पेमेंट होता है। अब यह कुछ समय के लिए थम जाएगा। इससे इस सेक्टर में 20-25 फीसदी तक रेट कम होने की उम्मीद है।
- बैंकों में नकदी बढ़ी है। दिसंबर में आरबीआई की नई फाइनेंशियल पॉलिसी आने वाली है। इसमें इंटरेस्ट रेट 1-1.5 फीसदी तक कम होने का अनुमान है।
- भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। इससे आम आदमी के सरकारी काम आसानी से होंगे।
- खासतौर पर रियल एस्टेट सेक्टर, जिसमें 60-80 फीसदी ब्लैकमनी के रूप में कैश पेमेंट होता है। अब यह कुछ समय के लिए थम जाएगा। इससे इस सेक्टर में 20-25 फीसदी तक रेट कम होने की उम्मीद है।
- बैंकों में नकदी बढ़ी है। दिसंबर में आरबीआई की नई फाइनेंशियल पॉलिसी आने वाली है। इसमें इंटरेस्ट रेट 1-1.5 फीसदी तक कम होने का अनुमान है।
- भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। इससे आम आदमी के सरकारी काम आसानी से होंगे।
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Q. देश को क्या फायदा हुआ?
Q. देश को क्या फायदा हुआ?
- टेररिज्म के लिए होने वाली फंडिंग नोटबंदी के फैसले के साथ ही कुछ समय के लिए थम गई है।
- बाजार में 500-1000 रुपए के नोट के रूप में मौजूद नकली करंसी पूरी तरह बेकार हो गई।
- आरबीआई की मार्च में आई रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 17.77 लाख करोड़ की कुल करंसी चलन में थी।
- फाइनेंस सेक्रेटरी शक्तिकांत दास के मुताबिक, पिछले पांच साल में देश में 500 के नोटों की संख्या में 76 फीसदी और 1000 के नोट में 109 फीसदी का इजाफा हुआ है। ऐसा बाजार में फेक करंसी और ब्लैकमनी की वजह से हुआ।
- बताया जाता है कि देश में कुल करंसी का करीब 80 फीसदी ब्लैक मनी या फेक करंसी के रूप में है।
- सरकार के इस फैसले से कुछ महीनों के लिए देश में बड़ी रिश्वतखोरी कम हो जाएगी। आम आदमी जरूरत के पैसों का इंतजाम करने और बड़े नोट बदलने में लगा है। ऐसे में, वह छोटे नोटों में भी रिश्वत देना नहीं चाहता।
- 10-20 लाख तक की ब्लैकमनी व्हाइट करने के तरीके शायद कामयाब भी हो जाएं, लेकिन 50 लाख, 1 करोड़ या इससे ज्यादा की रकम को व्हाइट करने पर बेईमान फंस जाएंगे।
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Q. इकोनॉमी को क्या फायदा है?
- बाजार में 500-1000 रुपए के नोट के रूप में मौजूद नकली करंसी पूरी तरह बेकार हो गई।
- आरबीआई की मार्च में आई रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 17.77 लाख करोड़ की कुल करंसी चलन में थी।
- फाइनेंस सेक्रेटरी शक्तिकांत दास के मुताबिक, पिछले पांच साल में देश में 500 के नोटों की संख्या में 76 फीसदी और 1000 के नोट में 109 फीसदी का इजाफा हुआ है। ऐसा बाजार में फेक करंसी और ब्लैकमनी की वजह से हुआ।
- बताया जाता है कि देश में कुल करंसी का करीब 80 फीसदी ब्लैक मनी या फेक करंसी के रूप में है।
- सरकार के इस फैसले से कुछ महीनों के लिए देश में बड़ी रिश्वतखोरी कम हो जाएगी। आम आदमी जरूरत के पैसों का इंतजाम करने और बड़े नोट बदलने में लगा है। ऐसे में, वह छोटे नोटों में भी रिश्वत देना नहीं चाहता।
- 10-20 लाख तक की ब्लैकमनी व्हाइट करने के तरीके शायद कामयाब भी हो जाएं, लेकिन 50 लाख, 1 करोड़ या इससे ज्यादा की रकम को व्हाइट करने पर बेईमान फंस जाएंगे।
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Q. इकोनॉमी को क्या फायदा है?
- बोफा मेरिल लिंच ग्लोबल रिसर्च के मुताबिक, पुराने बड़े नोट बंद करने पर जो लोग बैंकों में आकर जो कैश जमा करा रहे हैं, वह रकम जीडीपी का 1 से 2 फीसदी हिस्सा हो सकती है।
- आरबीआई की लाइबिलिटीज कम होंगी। अभी जितनी करंसी आरबीआई छापता है, उसका बड़ा हिस्सा ब्लैकमनी के रूप में लोग छुपाकर रख लेते हैं। इसके बदले में आरबीआई को दूसरे नोट छापने पड़ते हैं। बाजार में नकली करंसी भी चल रही है।
- नोटबंदी से इन सब पर लगाम लगेगी तो बाजार में करंसी का फ्लो बढ़ेगा।
- लोग पैसा अकाउंट में जमा कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इससे इनकम टैक्स कलेक्शन करीब 1 लाख करोड़ रुपए बढ़ने का अनुमान है।
- आरबीआई की लाइबिलिटीज कम होंगी। अभी जितनी करंसी आरबीआई छापता है, उसका बड़ा हिस्सा ब्लैकमनी के रूप में लोग छुपाकर रख लेते हैं। इसके बदले में आरबीआई को दूसरे नोट छापने पड़ते हैं। बाजार में नकली करंसी भी चल रही है।
- नोटबंदी से इन सब पर लगाम लगेगी तो बाजार में करंसी का फ्लो बढ़ेगा।
- लोग पैसा अकाउंट में जमा कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इससे इनकम टैक्स कलेक्शन करीब 1 लाख करोड़ रुपए बढ़ने का अनुमान है।
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