history of indian currency in hindi

 अचानक से1000 और 500 रुपए के नोटों के भारत में बंद होने के बाद पूरा देश छोटे नोटों के पीछे भाग रहा है तथा हर कोई रूपये और मुद्रा की बात कर रहा है। ऐसे में भारतीय नोटों के बारे में कुछ जानकारियां भी हैं जिनसे अभी तक हम और आप सभी लोग अनजान थे। ज्यादातर नमूने टाइप लोग नोटों के कागज की गुणवत्ता की बाते कर रहे है और इनके नकली नोटों वाले कागज टुकड़ा से बना हुआ बताया जा रहा है जबकि सत्य ये है  की ये नोट उच्च कोटि के कोटन के मिश्रण से बने हुए हैं जिस कारन ये नोट भीगने पर भी गलेंगे नहीं। ये नोट कोटन मिश्रित पदार्थो से मध्यप्रदेश के देवास, महाराष्ट्र के नासिक, कर्नाटक के मैसूर और पश्चिम बंगाल के सल्तोनी स्थित सरकारी प्रिटिंग प्रैस में छपते हैं जो पूर्ण रूप से सरकारी नियंत्रण में है।

आप सभी जानते होंगे की सिर्फ एक रुपए का नोट ही वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है जिसमें वित्त मंत्रालय के सचिव के हस्ताक्षर होते हैं जबकि 2 रुपए व इससे ऊपर के सभी प्रकार के नोट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर द्वारा जारी किए जाते हैं और इन पर गवर्नर के ही हस्ताक्षर होते है, अभी कुछ समय पूर्व 15 जुलाई 2010 को भारतीय रुपए को एक नया चिन्ह मिला जिसे आई आई टी मुम्बई के के युवा उदय कुमार ने डिजाइन किया था और उसके लिए भारत सर्कार ने उनको १ करोड़ की राशि भी दी थी,  और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा उनको ढ़ाई लाख रुपए का ईनाम दिया गया था। मुद्रा को लेकर एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि सिक्कों को गौर से देखें तो पाएंगे कि उसके जारी होने के वर्ष के नीचे एक निशान बना है। डायमंड का निशान हो तो सिक्का मुंबई में बना, डॉट हो तो नोएडा में, स्टार हो तो हैदराबाद में और कोई चिन्ह अंकित न हो तो वह सिक्का कोलकाता में बना होता है।

आज भी नेपाल में भारत के 1000 व 500 रुपए के नोटों पर पाबंदी है जबकि भारतीय छोटी करंसी से वहां कुछ भी खरीदा जा सकता है। किसी भारतीय के पास बड़े नोट पकड़े जाने पर कानून प्रतिबंध है। भारतीय नोटों के ऊपर चांदी का सुरक्षा धागा लगा होता है जिसमें अंग्रेजी में आर.बी.आई. व हिन्दी में भारत छपा होता है।

आजादी के 2 वर्ष के बाद तक 1949 में एक रुपए का पहला नोट छपा जिसमें से जॉर्ज किंग की तस्वीर के स्थान पर अशोक स्तंभ का प्रतीक अंकित किया गया। भारतीय नोटों का इतिहास 250 साल पुराना है। भारत में पहले 5 व 10 हजार रुपए के नोट भी चला करते थे जिन्हें 1938 में बंद कर दिया गया तथा 1954 में पुन: शुरू किया गया जिन्हें 1974 में बंद कर दिया गया। 

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