देश के प्रधानमंत्री मोदी जी की योजनाए और उनसे देशवासियो को फायदा -1


मोदी जी के भारत  के  प्रधानमंत्री बनते ही भारत सरकार का रूप भी बदल , सरकार को सबसे पहले डिजिटल इंडिया का विचार आया, क्योंकि उनका अगला कदम मुद्रा को डिजिटल करने का था, इसलिए इसमें जनता को जोड़ना जरुरी था, नही तो आने वाले समस्य में लोग कहते की हमारे पास मोबाइल नही है नेट प्लान मेंहगा है, इसमें में धन्यबाद देना चाहुगा मुकेश अम्बानी को जिन्होंने मोदी के डिजिटल इंडिया के लिए पहले ३ महीने और फिर ३ महीने और तथा इसके बाद आगे भी इन्टरनेट मुफ्त देने के बात की, अब भी लोग कहे तो ये यतो उनके आगे न बढ़ने की मूर्खता है या फिर किसी पिछड़ी सोच वाली पार्टी का प्रेम, आखिर कबतक हम पिछड़ा जीवन जियेंगे।

इसके बाद मोदी जी लाये जनधन योजना जिसमे हर भारतीय का बैंक में खाता हो इसका विचार था, लोगो ने खुलबाये भी पर हमारे देश के नेता लोग और कुछ अधिकारी इसको तब भी फेल करने लगे थे, और इसलिए उतने खाते नही खुल जितने खुलने चाहिय, पर फिर भी ३ करोड़ से ज्यादा खाते  खुले, इसमें बीमा  और शून्य बैलेंस भी दिया गया। 

इसके बाद मोदी जी ने देखा की देश के लोग सफाई तो चाहते है पर करना नहीं चाहते है, इसलिए खुद झाड़ू पकड़ कर गाँधी जी का अधूरा सपना पूरा करने के लिए अभियान चलाया, जिसे पूरा देश स्वक्छ्ता अभियान के नाम से जानता है.

फिर उनकी नजर गयी गांव की तरफ जहां आज भी लोग लकड़ी के चूल्हे पर भोजन पकाते है, इसके २ नुकशान थे, १ तो भोजन बनाते समय बनाने वाले को समय ज्यादा लगता था, उसका स्वास्थ  भी बिगड़ता था और साथ ही पर्यावरण को नुकशान भी होता था, इसलिए उज्ज्वला योजना शुरू की जिससे सबको गैस का कनेक्शन मिल सके, इसके लिए लोगो से गुहार भी की, की इ स्वेक्षिक रूप से गैस सब्सिडी छोड़ दे, किसी पर दबाब नही था बस  इस विनीति थी जिसे लोगो ने मन और लगभग लाखो लोगो ने सब्सिडी छोड़ी भी। 


इसके बाद उन्होंने देखा देश में लाखो गांव है पर वो किसी न किसी संसदीय या विधान सभा क्षेत्र में ही पड़ेगे इसलिए उन्होंने सांसद  आदर्श ग्राम योजना शुरू की, इससे एक सांसद  पाने किसी एक गांव का विकास १ साल में कर सके, सोचिये अगर १९५० से यदि होता तो हर साल ५०० गांव का भला होता और अब तक २५००० और अगर इसमें विधायक भी शामिल होते तो हर साल कम से कम २००० गांव और अब तक १ लाख, अगर यही बात ब्लॉक प्रमुख और वहां का प्रधान भी सोच लेता तो अब तक सभी गांव आदर्श हो गए होते, पर कुछ भला नही करेगे, जानते है की जनता जागृख होगी तो हर साल उम्मीदे भी बढ़ेगी और हमारा काम भी, इसलिए इनको मूल भूत  सुविधाओ में ही फसाये रखो। 

इसके बाद हम सब जानते है की धीरे धीरे सरकारी नौकरियों  पेंसन खत्म हो रही है और निजी क्षेत्र एक जमा पेंशन योजना चला रहा है, जो सबके लिए सुलभ नही है, इसलिए सरकारी पेंशन युजन शुरू की जिसे हम अटल पेंशन योजना के नाम से जानते है, जिसमे आप अपनी जरूरत के हिसाब से जमा करके अपना बुढ़ापा सुरक्षित कर सके.

श्रोत - http://aajtak.intoday.in/story/24-months-of-narendra-modi-govt-and-his-24-schemes-1-873084.html

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