क्या नितीश ने लालू से गठबंधन करके कोई राजनैतिक भूल की है ?
एक समय था जब बिहार का नाम शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में जग प्रसिद्द था, कई विदेशी यात्रिओ ने बिहार की धरती पर भृमण किया और अच्छे संस्मरण लिखे, ये बात उस समय की है जब यहाँ पर अशोक या चंदगुप्त का शासन काल था, फिर मुग़ल काल में भी बिहार का सम्मान वैसा ही बना रहा यहाँ पर जो भी गवर्नर बनता था उसको उड़ीसा और बंगाल का भी गवर्नर मान लिया जाता था। Read More Patna News in Hindi
अंग्रेजो के आने के बाद और अठारह सौ सत्तावन के बाद बिहार का राजनैतिक महत्त्व कम हुआ और बंगाल का बढ़ गया वो भी इसलिए क्युकी अंग्रेज सबसे पहले वही पर अपने पैर जमाये हुए थे।
Read More Begusarai News in Hindi
गाँधी जी ने भी भारत में अपने राजनैतिक कॅरियर की शुरुआत बिहार के चम्पारण जिले से ही की थी, कुल मिलाकर बिहार एक राजैतिक, सामाजिक और शैक्षिक दृस्टि से समृद्ध राज्य था, और आज़ादी के बाद भी काफी समय तक इसकी ख्याति ऐसी ही बनी रही, परन्तु जय प्रकाश आंदोलन के बाद लालू और शारद का बिहार में आना बिहार के लिए राजनैतिक त्रासदी साबित हुआ। Read More Chhapra News in Hindi
लोगो ने बिहार छोड़ कर अन्य राज्यों में पलायन शुरू कर दिया, दिहाड़ी मजदुर भी बाहर चले गए, जो फेन्ट्रिया कर्पूरी ठाकुर के समय में बिहार में आ गयी थी वो भी स्थानीय गुंडों और उनके राजनैतिक आकाओ के डर से पलायन कर गयी, बिहार में लालू का और राबड़ी का कार्यकाल बिहार के लिए एक अभिशाप साबित हुआ, और एक लम्बे अरसे के बाद जनता ने त्रस्त होकर चारा चोर की जगह एक अभियंता यानि की नितीश कुमार को बिहार का अधिपति बनाया। Read More Buxer News in Hindi
बिहार में नितीश का प्रथम कार्यकाल जिसमे नितीश का बीजेपी के साथ सहयोगी दल का रिश्ता था उमसे नितीश कुमार को जनता ने सुशासन बाबू की उपाधि से विभूषित किया, लोगो का पलायन कम हुआ, भोजपुरी सिनेमा का उत्कर्ष हुआ, लोगो को वही रोजगार मिलने लगा यहाँ तक की पुलिस और अन्य अधिकारी भी निर्भय होकर काम करने लगे थे, बिहार के कई राजनैतिक महाबली और बाहुबली उनकी औकातनुसार जेल में डाल दिए गए, शिक्षा के स्तर में भी सुधार हुआ और सरकारी नौकरिया भी खूब निकली। Read More Bhojpur News in Hindi
पर दूसरे कार्यकाल के लिए नितीश ने बीजेपी से नाता तोड़ कर लालू का हाथ थम लिया, और ५ साल सत्ता में रहने के बाद भी इनको सीट कम मिली और लालू को ज्यादा मिली, इनको तब भी समझ में नहीं आया की ये जीत काम की नहीं है बल्कि गुंडागर्दी की है, इसके बाद २ लालू पुत्रो को महान पद मिले, कुछ समय तो ठीक रहा इसके बाद वही गुंडागर्दी, वही रोजगार की मारामारी, वही राजनैतिक दखलंदाजी और सब कुछ वही हो रहा जैसा लालू का कार्यकाल में होता था, और इस तरह से नितीश की सुशासन की धज्जिया उड़ने लगी है। Read More Munger News in Hindi
आज अगर किसी भी बिहार के समाचार पत्र को देखो तो आप पाएंगे की कही चोरी हो रही है, कही हत्या हो रही है, कही लूटपाट हो रही है, कही अधिकारी पिट रहा है, कही घोटाले हो रहे है, उस पर लालू के ये डिमांड की राबड़ी को विधान सभा का अध्यक्ष बनायेगे, मतलब पूरी फेमिली को राजनैतिक वयवसाय में ही लगा लेंगे और जो बिहार के बढ़िया छवि नितीश कुमार ने बनायीं थी उसको मटियामेट कर दे रहे है। Read more Saran News
कभी कभी नितीश की शक्ल देख कर लगता भी है की उसे अपनी राजनैतिक शाख बचाने के लिए पहले से ज्यादा मेहनत करनी पद रही है, कही न कही उसको डर है की अगर जरा सा भी ढीला पड़ा तो लालू और उसके बच्चे उसकी कुर्शी में दीमक की तरह चाट जायेगे, जितना मेरा सोचना है लालू से हाथ मिलाना नितीश की एक राजनैतिक भूल है इसका पछतावा इनको अगले विधान सभा चुनाव में होने वाला है। Read More Bihar News in Hindi
अंग्रेजो के आने के बाद और अठारह सौ सत्तावन के बाद बिहार का राजनैतिक महत्त्व कम हुआ और बंगाल का बढ़ गया वो भी इसलिए क्युकी अंग्रेज सबसे पहले वही पर अपने पैर जमाये हुए थे।
Read More Begusarai News in Hindi
गाँधी जी ने भी भारत में अपने राजनैतिक कॅरियर की शुरुआत बिहार के चम्पारण जिले से ही की थी, कुल मिलाकर बिहार एक राजैतिक, सामाजिक और शैक्षिक दृस्टि से समृद्ध राज्य था, और आज़ादी के बाद भी काफी समय तक इसकी ख्याति ऐसी ही बनी रही, परन्तु जय प्रकाश आंदोलन के बाद लालू और शारद का बिहार में आना बिहार के लिए राजनैतिक त्रासदी साबित हुआ। Read More Chhapra News in Hindi
लोगो ने बिहार छोड़ कर अन्य राज्यों में पलायन शुरू कर दिया, दिहाड़ी मजदुर भी बाहर चले गए, जो फेन्ट्रिया कर्पूरी ठाकुर के समय में बिहार में आ गयी थी वो भी स्थानीय गुंडों और उनके राजनैतिक आकाओ के डर से पलायन कर गयी, बिहार में लालू का और राबड़ी का कार्यकाल बिहार के लिए एक अभिशाप साबित हुआ, और एक लम्बे अरसे के बाद जनता ने त्रस्त होकर चारा चोर की जगह एक अभियंता यानि की नितीश कुमार को बिहार का अधिपति बनाया। Read More Buxer News in Hindi
बिहार में नितीश का प्रथम कार्यकाल जिसमे नितीश का बीजेपी के साथ सहयोगी दल का रिश्ता था उमसे नितीश कुमार को जनता ने सुशासन बाबू की उपाधि से विभूषित किया, लोगो का पलायन कम हुआ, भोजपुरी सिनेमा का उत्कर्ष हुआ, लोगो को वही रोजगार मिलने लगा यहाँ तक की पुलिस और अन्य अधिकारी भी निर्भय होकर काम करने लगे थे, बिहार के कई राजनैतिक महाबली और बाहुबली उनकी औकातनुसार जेल में डाल दिए गए, शिक्षा के स्तर में भी सुधार हुआ और सरकारी नौकरिया भी खूब निकली। Read More Bhojpur News in Hindi
पर दूसरे कार्यकाल के लिए नितीश ने बीजेपी से नाता तोड़ कर लालू का हाथ थम लिया, और ५ साल सत्ता में रहने के बाद भी इनको सीट कम मिली और लालू को ज्यादा मिली, इनको तब भी समझ में नहीं आया की ये जीत काम की नहीं है बल्कि गुंडागर्दी की है, इसके बाद २ लालू पुत्रो को महान पद मिले, कुछ समय तो ठीक रहा इसके बाद वही गुंडागर्दी, वही रोजगार की मारामारी, वही राजनैतिक दखलंदाजी और सब कुछ वही हो रहा जैसा लालू का कार्यकाल में होता था, और इस तरह से नितीश की सुशासन की धज्जिया उड़ने लगी है। Read More Munger News in Hindi
आज अगर किसी भी बिहार के समाचार पत्र को देखो तो आप पाएंगे की कही चोरी हो रही है, कही हत्या हो रही है, कही लूटपाट हो रही है, कही अधिकारी पिट रहा है, कही घोटाले हो रहे है, उस पर लालू के ये डिमांड की राबड़ी को विधान सभा का अध्यक्ष बनायेगे, मतलब पूरी फेमिली को राजनैतिक वयवसाय में ही लगा लेंगे और जो बिहार के बढ़िया छवि नितीश कुमार ने बनायीं थी उसको मटियामेट कर दे रहे है। Read more Saran News
कभी कभी नितीश की शक्ल देख कर लगता भी है की उसे अपनी राजनैतिक शाख बचाने के लिए पहले से ज्यादा मेहनत करनी पद रही है, कही न कही उसको डर है की अगर जरा सा भी ढीला पड़ा तो लालू और उसके बच्चे उसकी कुर्शी में दीमक की तरह चाट जायेगे, जितना मेरा सोचना है लालू से हाथ मिलाना नितीश की एक राजनैतिक भूल है इसका पछतावा इनको अगले विधान सभा चुनाव में होने वाला है। Read More Bihar News in Hindi
Comments