नितीश कुमार के मोदी प्रेम के राजनैतिक मायने

मनुष्य वैसे तो सामाजिक प्राणी है वह बिना प्रेम और घृणा के नहीं रह सकता है, परन्तु समाज में प्रेम और घृणा के कोई वास्तविक कारण होते है, कारण तो राजनीती में भी होते है परन्तु राजनीती में अगर नहीं भी होते है तो कृतिम रूप से बना दिए जाते है, अभी से कुछ १ भर पहले नीतीश कुमार भारत के प्रधान मंत्री की वाक शैली पर गंभीर टिप्पड़ी करके कह रहे थे की जनाब बिहार को आर्थिक पैकेज देने की बात कह रहे है, [Patna News in Hindi] पर अंदाजे वयां ऐसा है जैसे खैरात दे रहे हो और ये नितीश कुमार ने बिहार स्वाभिमान रैली में कहा था और आज नितीश कुमार सोनिआ गाँधी के बुलावे पर न जाकर मोदी जी के साथ भोजन कर रहे है क्या कारण है? [Begusarai News in Hindi]

एक और बात बताता हूँ आपको जब लालू के भ्र्स्ट चरित्र के बारे में पूरी दुनिआ जानती है तो ऐसा कैसे हो सकता है की बिहार की राजनीती में रहकर भी नितीश कुमार को लालू के चरित्र का पता न हो फिर भी मोदी जी को हराने के लिए लालू क सहारा लिया आरक्षण का सहारा लिया बिहरिओ के स्वभिमान की बात की और परिणाम स्वरुप बिहार में बीजेपी हार गयी रजद और जदू आ गयी, [Kaimur News in Hindi] लेकिन नितीश कुमार ने तभी देखा की सत्ता में 10 साल रहकर भी उसकी सीट उनसे कम है जो सत्ता से 10 साल से बाहर है और चुनाव के लालू के दो लपूझन्ना लौड़े जिनको बोलने की अक्ल नहीं है स्वास्थ मंत्री और उपमुख्य मंत्री बना दिए गए, रावरी को विधान सभा का अध्यक्ष बनाये जाने पर लालू जोर दे रहा है, कई अपराधी जेल से बहार कर दिए गए। [Chhapra News in Hindi]

कुलमिलकर नितीश कुमार ने जो सुशासन बाबू की छवि १० सालों में बनायीं थी उसे लालू एंड संस ने १ साल में ही ध्वस्त कर दिया, अब हो रही है नितीश को झटपटाहट की ये कुर्सी जयादा दिन की मेहमान नहीं है अगर लालू और उसके लोंडो का कद ऐसे ही बढ़ता गया, अब कौन है जो उसे बचाये, क्युकी नितीश अभी उतना भर्स्ट और आदमखोर नहीं है जितने लालू सोनिआ माया ममता और मुलयम यहाँ तक की केजरीवाल भी है, [Darbhanga News in Hindi] वह आज भी बिहार की उन्नति और प्रगति के लिए कटिवद्ध है, वो चाहता है की बिहार का ऐसा विकास हो की उसके निवासियों को यही रोजगार मिले वो अपना घर और प्रदेश छोड़ कर अन्य राज्यों में रिक्शा न चलाये। Saran News

कुलमिलाकर नितीश कुमार का गणित कुछ ऐसा है 2019 की प्रधान मंत्री की रेष में वो नहीं है लेकिन 2024 के लिए उनकी दावेदारी पक्की है, अभी वो बिहार में विकास कार्यो को करना चाहते है, ऐसे कार्य जिनसे पुरे देश का जनमानस बिहार की तरफ देखने लगे और उसके लिए उसे एक कर्मठ और लगनशील व्यक्ति का साथ चाहिए जो उसे नरेंद्र मोदी जी के अलाबा कही और नजर नहीं आ रहा है। Motihari News in Hindi

Comments

Vinayak said…
right observation.