अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सबके लिए है, पुरे संसार में छद्म उदारवादी लोग इसकी वकालत करते है, लेकिन करते सिर्फ तबतक ही है जबतक आप हिंदुत्व, भारतीय परम्पराओ के विरुद्ध बोलो या फिर इस्लाम के नाम पर जितना भी आतंक फैलाया जा रहा है उसके विरुद्ध न बोलो, अगर आपने हिंदुत्व या भारतीय परम्पराओ पर हो रहे हमले के विपक्ष में कुछ बोल दिया तो वही आपकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अंधविस्वास घोषित कर दी जाएगी या फिर रूढ़िवादी सोच, और अगर ये हमला इस्लामिक सोच के कट्टर लोग कर रहे है आपने विरोध कर दिया तो आपकी तो सुनवाई होनी नहीं वल्कि आपके ऊपर ही आरोप लग जायेगा एंटी मुस्लिम होने का इस्लामोफोबिया से ग्रस्त होने के या फिर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का, मतलब मूल में ये है की कुछ भी होता रहे हिंदुत्व का साथ मत दो और इस्लामिक कट्टरपंथ पर कुछ मत बोलो।
अब हम बात शुरू करते है एक यहूदी महिला के ट्विटर अकाउंट की जिसे २०१८ में सिर्फ इसलिए बंद कर दिया था क्युकी उसने 2018 में मिनेसोटा की रिप्रेजेंटेटिव इल्हान ओमर को 'एंटी-यहूदी' बताया था, और आप गौर से देखेंगे तो ऐसे आरोप भारत में मोदी जी पर तब से लग रहे है जब से वो प्रधानमंत्री बने है लेकिन ट्विटर ने किसी का अकॉउंट बंद नहीं किया, जैसे हम शुरू करते है नाम से हिन्दू काम से एंटी - हिन्दू कनहिया कुमार से जिनका अकाउंट २०१४ में ही बना है और बनाया भी सिर्फ बीजेपी, आरएसएस और मोदी जी को टारगेट करने के लिए, एक ये पोस्ट देखिये :
अब अगर देखा जाए तो ये पोस्ट भी और अकाउंट भी बेन होना चाहिए क्युकी आप प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहे हो, भले ही यहाँ आप धर्म की जगह व्यक्तिओ के समूह के खिलाफ बनाया है उनको, लेकिन कही न कही जनता तो दोनों ही है।
जैसा की हम सब जानते है और आप भी जानते है की, भगवान श्री राम हिन्दुओ के आराध्य है, और दिनचर्या में राम न म हम सभी लेते है, तो कन्हइया कुमार का विशुद्ध हिन्दू धर्म का विरोधी ट्वीट देखिये,
लेकिन न ये आकउंट बेन होगा न ट्वीट डिलीट होगा क्युकी ये तो हिन्दू धर्म पर तंज है इस्लाम पर होता तो अब तक सब बंद कर दिया गया होता, अब अगला ट्वीट सीधा संघ पर यानि की आरएसएस पर निशाना है, वही आरएसएस है जिसने कभी कहि बम्ब नहीं फोड़ा, कही कर हुए हमले में शामिल नहीं हुआ, बस एक सेवा भाव है उसके खिलाफ देख लीजिये
चलिए तो बात हो गए जो नाम से हिन्दू है लेकिन नफरत हिंदुत्व से बहुत गहरी है, आखिर वामपंथी है तो इनके आदर्श भारतीय तो हो नहीं सकते है, और जो भारतीय नहीं हो उससे भारत के प्रति प्रेम की आशा करना व्यर्थ है, अब कुछ ट्वीट ऐसे लोगो के जो इसराइल के खिलाफ है लेकिन न इनका अकाउंट बंद हुआ, न ब्लू टिक गया न ही ट्वीट डिलीट हुआ, आखिर ये कैसा उदारवाद है
एक तो इनसे भी आगे निकल गए, वो बॉन्ड की लिस्ट डाल रहे है और अपने समुदाय से अपील कर रहे है वहिष्कार करने की, और उनके समुदाय के लोग साथ भी है, लेकिन ये भी अकाउंट बेन नहीं होगा, न ब्लू टिक गया न ट्वीट डिलीट हुआ, अब सोचिये कितने दोगले मानक है टवेटर के
जबकि एक महिला का ट्विटर अकाउंट २०१८ में सिर्फ एक लाइन लिखने पर बेन हो गया है, और इनके अकाउंट शान से चल रहे है, वैसे एक दलीप मंडल भी है वो भी हिन्दू धर्म के खिलाफ गजब का जहर उगलते है लेकिन उनका भी ट्वटिर बहुत धूमधाम से चल रहा है, देखिये इनका भी सीधा जाति पर हमला, यही अगर कोई दलित जाति के लिए कह दे तो ?
इनको सही मायने में सवर्णो से नफरत है, जो स्पस्ट झलकती है, देखिये इस ट्वीट को और सोचिये क्या विचारधारा का व्यक्ति है,
सोचिये, लोग हिन्दू धर्म के खिलाफ है उनके अकाउंट मस्त चल रहे है, सवर्णो के खिलाफ जहर उगल रहे है उनके अकाउंट मस्त चल रहे है, भारत और प्रधानमंत्री के खिलाफ जहर उगल रहे है उनके अकाउंट धूमधाम से चल रहे है, लेकिन अगर आप आरएसएस या बीजेपी के साथ है, हिंदुत्व और सवर्णो के हित की बात करेंगे तो ट्वीट भी डिलीट होगा, ब्लू टिक अगर है तो वो भी चला जायेगा और अकाउंट भी बेन क्र दिया जायेगा, जैसा कंगना रनौत के साथ हुआ, मोहन भागवत के साथ हुआ और न जाने कितने लोग है इस लिस्ट में, जागो और जगाओ।
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