देश की उन्नति के लिए सत्ता और विपक्ष में क्या होना चाहिए

एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सशक्त सत्ता पक्ष के साथ साथ मजबूत और राष्ट्रवादी विपक्ष का होना भी जरुरी है लेकिन वर्तमान का विपक्ष और इसके सड़क छाप नेता वास्तव में करदाताओं का पैसा बर्बाद करने वाले है, हमे सोचना चाहिए क्या सांसद बनने लायक हैं ? अगर हमे लगता है इनका सांसद बनना सही है तो हम वास्तव में लोकतंत्र के लाइक ही नहीं है, हमे लोकतंत्र के कर्तव्य और अधिकार कुछ भी नहीं पता है। 



वर्तमान का लोकतंत्र केवल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत का बाजार सजा कर संसद में बैठे हैं और सच मानिये तो इतने गिर चुके है की विरोधी देशो की भाषा बोलने लगे है। 


लेकिन लोकसभा में ही नहीं भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने तार्किक ढंग से जिस तरह संसद के दोनों सदनों में पप्पू व विपक्ष के परखच्चे उड़ाये, केवल उसका बदला लेने के लिये राज्यसभा में विपक्ष के सांसदों ने “सड़क छाप आवारा” लोगों की तरह हुड़दंग मचा कर लगातार नारेबाजी करके एक लोकतान्त्रिक देश के प्रचण्ड बहुमत से चुने हुए प्रधानमंत्री मोदी को बोलने से रोकने की नाकाम कोशिश की। 


विपक्ष सवाल पूछते वक्त तो शान्ती चाहता है पर जवाब सुनने का ना धैर्य है ना शान्ति रख सकता-
वहां पीछे एक नारा बहुत बुलंद आवाज़ में सुनाई दे रहा था - मोदी अडानी भाई भाई, JPC की जांच कराओ,जांच कराओ -
भूल गये कि यही तरीका यदि सत्ता पक्ष अख्तियार कर ले तो क्या कोई विपक्षी बोल पायेगा - ?
सत्ता पक्ष ने शान्तिपूर्वक पप्पू की पप्पूगिरी को सहन किया व सुना - पर...?????
जब से मोदी सत्ता में आये हैं, विपक्ष उनकी वाणी की प्रखरता व सत्य की धार से भय खाता है - लोकसभा और राज्यसभा,दोनों सदनों में हर वर्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण के जवाब में मोदी को लगातार बोलने से रोकने की कोशिश की जाती रही है-
और अब तो सभी सीमाएं पार कर दी है विपक्ष ने -
कितने शर्म की बात है कि-
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे सदन में मौजूद थे और अन्य दलों के नेता भी थे परंतु किसी ने अपने सांसदों की हुडदंग को रोकने की जरूरत नहीं समझी -
दो दिन में मोदी को बोलने से रोक कर विपक्ष ने भाजपा की कम से कम 20 से 25 सीट 2024 लोकसभा चुनाव में बढ़ा दी हैं -
लेकिन बाद में पछताने से क्या होगा -
मुझे नहीं पता संसद के नियम क्या कहते हैं-

परंतु ऐसे हुड़दंगी सांसदों पर कैमरा लगातार Focus होना चाहिये- जिससे जनता को इन बेलगाम नेताओं का सच पता चल सके कि- यह लोग किस तरह छुट्टे बैल की तरह बर्ताव करते हैं तो यह सांसद बनने के लायक हैं ही नहीं - वैसे भी पिछले दरवाजे से घुसने वाले लोगों की वजह से राज्यसभा का तो औचित्य ही समाप्त ही हो चुका है- अब जिसके सदस्यों की संख्या एक तिहाई ही रह जानी चाहिये यदि राज्यसभा को जारी रखना है तो -
यह मोदी अडानी भाई भाई का नारा किसके इशारों पर लग रहा है - ?
क्या राहुल हिंडनबर्ग भाई भाई नहीं है-?
क्या राहुल दाऊद भाई भाई नहीं हैं-?
क्या राहुल जिनपिंग भाई भाई नहीं है-?
और क्या राहुल बीबीसी भाई भाई नहीं हैं -?
क्या राहुल व तमाम देश विरोधी भाई भाई नहीं हैं -
विपक्ष सोचता है कि वह अडानी पर हमला कर उसकी जड़ें कमजोर कर सकता हैं -
तो भारी भूल कर रहा है विपक्ष - क्योंकि यदि अडानी अंबानी और अन्य उद्योगपतियों ने कांग्रेस, कम्युनिस्ट और ममता के राज्यों में निवेश से हाथ खींच लिया तो इनकी क्या हालत होगी, इसकी कल्पना यह लोग नहीं कर सकते -
अडानी के बाद अगला नंबर अब अंबानी का लगाया जायेगा जिसकी तैय्यारी भी की जा चुकी होगी -
हर तरह का झूठ फैला कर मोदी के प्रति नफरत की आग उगलने में लगे हो -परंतु तुम लोगों के पास उसकी न किसी बात का जवाब है और न किसी योजना में कमी निकाल सकते हो -
दो दिन में मोदी ने तुम्हारे “चीथड़े” उड़ा दिये और यह भी सीधे शब्दों में कह दिया कि वह अकेला तुम सब पर भारी है -
कांग्रेस के पास मोदी की बात का कोई जवाब है क्या-?
कि नेहरू यदि इतने महान थे तो उनके वंशज “नेहरू सरनेम” अपनाने में काहे को शरमाते हैं -
यह कैसा खानदान है “नेहरू” का जिसकी बेटी भी गांधी और विदेशी औरत आती है तो वह भी गांधी बन जाती है और उसके बच्चे जो वाड्रा होने चाहिये, वह भी गांधी हो रहे हैं -
क्या अजूबा है यह नेहरू खानदान -
लोकतंत्र पर सबसे ज्यादा हमला कांग्रेस ने 90 बार 356 का दुरुपयोग करके किया जिसमें अकेली इंदिरा गांधी ने 50 बार चुनी हुई सरकारों को गिराया गया था -
नरेंद्र मोदी एक ऐसा वह “अनार” है- जिसने विपक्ष के सारे नेता “बीमार” कर दिये - विपक्ष के नेता सुधर नहीं सकते और मोदी का वह कुछ बिगाड़ नहीं सकते - इसलिये-
“तीसरी बार, फिर मोदी सरकार”

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